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Monday, May 26, 2008

ठेले ने ठेलों को ठेला


माखन लाल विस्वविद्यालय के बाहर अपने राजू भाई के ठेले पर चाय की चुस्कियाँ लेने वालों की भीड़ ऐसी लगी की बाकी सारे ठेले वालों की वाटलगा दी ।
  • चाय भी स्पेसल जिसे सुड्कने का मन बार बार करे ।
  • दाम भी स्पेसल एक रूपये में aआधी
  • दो रूपये में फूल
  • और क्या चाही बच्चे की जान

Monday, May 12, 2008

पत्रकारिता से पहले सीखें थ्री एक्स..........

थ्री एक्स यानि सेक्स .सेंसेक्स और मल्टीप्लेक्स
आज मीडिया में इन्हीं का बोल बाला है कहीं दो कपडों में लिपटी जवानी दिखायी जा रही है तो कहीं सेंसेक्स का इधर चला मै उधर चला से कुछ सम्पेन बोतल खोल रहें हैं कुछ सर पटक रहें हैं
मल्टीप्लेक्स इतने बन रहे हैं की सड़क बनने की जगह नही बची ....................... आगे कहानी लम्बी है ..............................इसलिए इन तीन महान एक्स को समझना जरुरी है भैये ...................

Thursday, May 1, 2008

बंद करो ये खेल..........

आज हाकी अपने आप पेर तरस रही है तड़प रही है। गिल गिर चुके हैं अब रास्ट्रीय खेल के सुधरने के आसार नजर आ रहे हैं । हर्बजन ने श्री संत को छठा मर कर और चिअर गर्ल्स ने कपड़े उतर कर मैच में गर्मी ला दी है । आप क्या कहते हैं ।

बंद करो ये khel