माखन लाल विस्वविद्यालय के बाहर अपने राजू भाई के ठेले पर चाय की चुस्कियाँ लेने वालों की भीड़ ऐसी लगी की बाकी सारे ठेले वालों की वाटलगा दी ।
- चाय भी स्पेसल जिसे सुड्कने का मन बार बार करे ।
- दाम भी स्पेसल एक रूपये में aआधी
- दो रूपये में फूल
- और क्या चाही बच्चे की जान