आ चलें उस दुनिया में, जहां बस तेरा-मेरा साथ हो
हवाओं का झूला हो, बादलों का पाट हो
बस तेरे हाथों में मेरा हाथ हो।।
पवन की सरगम में तारों की बारात हो
चांद की सेज हो और बादलों से बात हो
बस तेरे हाथों में मेरा हाथ हो।।
सागर का साहिल हो और पूनम का चांद हो
जुगनुओं की महफिल हो और लहरों से बात हो
बस तेरे हाथों में मेरा हाथ हो।।
भास्कर की पहली किरण हो और पक्षियों का साथ हो
बसंत की बहार हो और हवा में झूलते पहाड़ हों
बस तेरे हाथों में मेरा हाथ हो।।
सूरज छिप रहा हो और लालिमा से कण-कण लाल हो
कोयल का स्वर हो और पत्तों का संगीत हो
तेरी खुशबू मेरी सांसों में हो और दिल की धड़कन एक हो
बस तेरे हाथों में मेरा हाथ हो।।
Tuesday, May 3, 2011
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